82 नया सोच वाला शिक्षक लोग के आजु मिली ‘राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025’
• शैक्षिक संवाद मंच के ओर से शानदार आयोजन: तीन गो खास किताब के होई विमोचन
लखनऊ। शिक्षा के दुनिया में नया आ बेहतरीन काम करेवाला 82 गो मास्टर साहब आ मैडम लोग के ‘राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान 2025’ से आजु नवाजल जाई। ई बड़हन अउरी गौरवशाली कार्यक्रम शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश के ओर से राजधानी लखनऊ के अम्बर होटल में आयोजित कइल जात बा। देशभर से आइल ई सब शिक्षक लोगन के, जवन आपन परयास आ नया तरीका से शिक्षा के रूप-रेखा बदलले बा, ई प्रतिष्ठित सम्मान देके ऊ लोग के हौसला बढ़ावल जाई।
ई खास आयोजन बाल शिक्षा के पुरोधा आ महान शिक्षाविद गिजूभाई बधेका जी के जयंती दिवस के उपलक्ष्य में कइल जा रहल बा।
बड़हन हस्ती लोग के उपस्थिति
समारोह के शोभा बढ़ावे खातिर मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री, आदरणीय डॉ. पवनपुत्र बादल जी मौजूद रहब। उनकर प्रेरक बात रउआ सब शिक्षक लोगन खातिर एगो नया ऊर्जा देबे के काम करी। विशिष्ट अतिथि लोगन में एनसीईआरटी, नई दिल्ली से श्री शिव मोहन यादव जी आ साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय जी शामिल रहब लोग। ई समारोह के अध्यक्षता आ मार्गदर्शन रामकिशोर पाण्डेय जी कइबें। ई सब बड़हन हस्ती लोगन के उपस्थिति आयोजन के महत्ता आ गरिमा के अउरी बढ़ा देत बा।
समारोह में तीन गो विशेष अउरी महत्वपूर्ण किताब के विमोचन (लोकार्पण) कइल जाई। एह किताबन में से पहिला ह ‘दिवास्वप्न संवाद’। ई किताब शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्ति ले आवे वाला गिजूभाई के अमर कृति ‘दिवास्वप्न’ पर आधारित एगो पत्र संग्रह बा। एकरा के प्रमोद दीक्षित मलय जी बड़ी मेहनत से सम्पादित कइले बानी।
दूसरका पुस्तक ह ‘फूले हैं पलाश वन’। ई एगो सुंदर कविता संग्रह बा, जेकरा के मंच के संयोजक दुर्गेश्वर राय जी सम्पादित कइले बानी। एहमें नया-नया कवि लोगन के भावपूर्ण रचना बा।
तीसरका किताब एगो स्मारिका ह ‘हमारे शिक्षा सारथी’। ई किताब एह सम्मान से नवाजल जाएवाला 82 गो शिक्षक लोगन के उपलब्धि आ प्रेरणादायी काम के कहानी कहेला।
जवन लेखक आ कवि लोग एह किताबन में आपन योगदान देहले बा लोग, ऊ लोग के कार्यक्रम में विशेष रूप से सम्मानपत्र आ किताब के प्रति भेंट कइल जाई।
मंच के संयोजक दुर्गेश्वर राय जी बतवले कि शैक्षिक संवाद मंच के स्थापना साल २०१२ में भइल रहे, आ तब से लेके अबले मंच डेढ़ दर्जन से भी अधिका किताब छपवा चुकल बा। ई सम्मान ऊ शिक्षक लोगन के देवल जाला, जवन मंच के मूल दर्शन ‘विद्यालय बनें आनंदघर’ (स्कूल ख़ुशी के घर होखे) के जमीनी स्तर पर साकार करे ख़ातिर दिन-रात मेहनत करेला लोग। ऊ लोग आपन नया तरीका आ लगन से सरकारी स्कूल के माहौल बदल रहल बा लोग।
ई भव्य कार्यक्रम इतवार के सबेरे ठीक १० बजे शुरू होई आ साँझ के ४ बजे तक चली। कार्यक्रम के सफल बनावे ख़ातिर आयोजन समिति के सदस्य लोग—विनीत कुमार मिश्र, प्रीति भारती, विकास त्रिपाठी, आ डॉ अरविंद कुमार द्विवेदी—पूरी लगन से अंतिम तइयारी में जुटल बा लोग। ऊ लोग के मेहनत से ई समारोह शिक्षा के दिशा में एगो यादगार पन्ना जोड़ी।
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