ऐतिहासिक रहल मॉरिशस सरकार द्वारा आयोजित भोजपुरी महोत्सव।
"भारत में भोजपुरी ख़ातिर संघर्ष जारी बा जबकि मॉरिशस सरकार भोजपुरी के मान्यता देके '' अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव" करा रहल बिया। एगो आइसन महोत्सव जवना के उद्घाटन उहाँ के प्रधानमंत्री कइले और समापन राष्ट्रपति। ई साधारण बात नईखे। ई एगो संदेश बा, ई एगो अनुष्ठान बा, ई एगो आंदोलन बा। तीन दिन, 17 सत्र अउर सरकार द्वारा पूरा विश्व से आमंत्रित डेलीगेट्स।
भारत से भी कईगो लोग पहुचल जवना में मनोज भावुक जी रिसोर्स पर्सन और पैनलिस्ट के रूप में इस ऐतिहासिक महोत्सव में शामिल भइनी। भोजपुरी सिनेमा के भूत, भविष्य व वर्तमान पर अपनी बात रखनी अउर एही विषय पर आपन बनावल डॉक्यूमेंट्री भी दिखवनी।" ऊपर के बात मीडिया से बातचीत में मॉरिशस से भारत लौटला पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार व भोजपुरी जंक्शन पत्रिका के संपादक मनोज भावुक जी बतवनीं।
मॉरिशस सरकार के कला और संस्कृति विरासत मंत्रालय के तत्वावधान में 6 मई से 8 मई 2024, के अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव के आयोजन मॉरिशस के खूबसूरत समुंद्र तट लॉन्ग बीच पर बनल पाँच सितारा होटल में कइल गइल।एहमें विश्व के अनेक देशन के प्रतिनिधी के साथ मनोज भावुक भी मॉरिशस सरकार के ओर से आमंत्रित रहले।
एह महोत्सव का उद्घाटन मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और समापन राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन जी कइनी। स्वागत भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की चेयरपर्सन डॉ. सरिता बुधू जी कइनी। कला और संस्कृति विरासत के मंत्री अविनाश तिलक जी कहनी कि ई महोत्सव हमनी के पूर्वज लोगन के श्रद्धांजलि बा।
2019 में प्रवासी सम्मेलन में बनारस में प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ जी कहले रहनी कि हम मॉरिशस में भोजपुरी महोत्सव करब। कोविड की वजह से ई टलत रहल और अब 2024 में ई ऐतिहासिक आयोजन हो पावल। पहीला बार कवनो देश के सरकार भोजपुरी महोत्सव के आयोजन कईलस। प्रधानमंत्री के घोषणा के बाद मनोज भावुक एही आयोजन ख़ातिर भोजपुरी जंक्शन के "गिरमिटिया विशेषांक" निकलनी जवना में भारत के साथ मॉरिशस के लेखक लोग भी आपन योगदान दिहले। ई अंक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कला व संस्कृति विरासत मंत्री समेत तमाम गणमान्य लोगन के भेंट कईल गइल।
पुस्तक प्रदर्शनी में भारत-मॉरिशस के लेखक लोगन के भोजपुरी पुस्तकन के साथ भोजपुरी जंक्शन पत्रिका के 30 से अधिक विशेषांक शामिल रहल।
महोत्सव में अनेक रिसोल्यूशन पास भईल। विश्व भोजपुरी दिवस मनावे के बात भइल। अगला भोजपुरी महोत्सव गोरखपुर व बनारस में करेके घोषणा भइल अउर साथ ही ई कि महोत्सव के सिलसिला गिरमिटिया देशन में चलत रहेके चाही, साहित्यिक व सांस्कृतिक विनिमय होत रहे के चाही।
सभी डेलीगेट्स के अप्रवासी घाट, गंगा तालाब, रामायण सेंटर, समुंद्री तट व अनेक रमणीय स्थलन के दर्शन भी करावल गईल।
एह महोत्सव के भोजपुरी ख़ातिर एगो क्रांति के रूप में देखल जा रहल बा।
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