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चैती छठ विशेष : कोरोना महामारी के बीच आस्था के पर्व चैती छठ में व्रती लोग लोक माँगल आशीष।



चैती छठ विशेष :  कोरोना महामारी के बीच आस्था के पर्व चैती छठ में व्रती लोग लोक माँगल आशीष।

बलिया बैरिया।  छठ महापर्व चुनौतिन भरल कठिन उपवास के अनुष्ठान होला। विपदा के घड़ी में ई और भी चुनौती भरल हो गईल बा। लेकिन मुश्किल घड़ी में ईश्वर में आस्था अउरी भी बढ़ जाला। चार दिवसीय महापर्व चैती छठ में अभी अइसन ही झलक रहल बा। कोरोना महामारी के संक्रमण के रोके ख़ातिर पूरा देश घर में कैद बा। एह विकट परिस्थिति में खरना के प्रसाद बनावे ख़ातिर शनिवार के सुबह गंगाजल लेबे ख़ातिर व्रती गंगा घाटन पर पहुंचले।

क्षेत्र के ग्राम सभा कोटवा के व्रती लोग छठ महापर्व के दूसरका दिन खरना पूजा के बाद  36 घंटा के निर्जला उपवास शुरू कइल हा लोग। खीर के महाप्रसाद ग्रहण कइला के बाद कोविड-19 जइसन महामारी से बचे ख़ातिर अपना घर के दरवाजा व घर के छत पर ही श्रद्धालु दु दिन तक भगवान भास्कर के नमन में लीन हो गइले। रविवार के चैत्र शुक्ल षष्ठी के सर्वार्थ सिद्धि योग में अस्ताचलगामी सूर्य देवता के पहीला अर्घ्य दिहल जाता। अर्घ्य देबे के शुभ समय शाम को 5:58 बजे से 06:07 तक बा। ओहिजे सोमवार को  19 मार्च के भी द्विपुष्कर योग में उदीयमान सूर्य के दूध अउरी जल से अर्घ्य देकर व्रत के समापन कईल जाई। 


चैती छठ व्रत नियम अउरी पूजा विधि

छठ पर्व 16 अप्रैल 2021 दिन शुक के चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय से शुरू भइल ओहिजे 17 अप्रैल दिन शनिवार के पंचमी तिथि में लोहंडा या खरना भइल एह दिन महिला लोग पूरा दिन व्रत रखेली अउरी शाम में गुड़ वाली खीर के प्रसाद बनाके सूर्य देव के पूजा कइला के बाद एहि प्रसाद के साथ कुछ खाईल जाला अउरी आज रविवार के चैत्र शुक्ल षष्ठी के सर्वार्थ सिद्धि योग में अस्ताचलगामी सूर्य देवता के पहीला अर्घ्य दिहल जाता। अर्घ्य देबे के शुभ समय शाम को 5:58 बजे से 06:07 तक बा। ओहिजे सोमवार को  19 मार्च के भी द्विपुष्कर योग में उदीयमान सूर्य के दूध अउरी जल से अर्घ्य देकर व्रत के समापन कईल जाई। 

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