सुहागिन लोग हर्षोल्लास के साथे करतारी हरितालिका तीज के निर्जला व्रत , अपना पति के लंबा उमीरी खतीर होला ई व्रत।
तीज, उतर भारत के एगो बिशेष पर्व ह अउरी बहुत अधिक सांस्कृतिक महत्व राखेला। उत्तर भारत के कुछ भाग में तीज तीन प्रकार के होला- हरियाली तीज, कजली तीज अउरी हरतालिका तीज।
आज हरितालिका तीज/ तीज व्रत ह। ई व्रत उत्तर भारत में बड़ी श्रद्धा अउरी भक्ति से मनावल जाला। तीज व्रत,भाद्रपद(भादो) के शुक्ल पक्ष, तृतीया तिथि के मनावल जाला। ई व्रत एक तरह से करवा चौथ व्रत के तरहे होला। एहु व्रत में महिला लोग निर्जला रहके अपना पति के लंबा उमिर के कामना करे ला लोग। एह व्रत में एक पूरा दिन निर्जला रहल जाला। अगिला दिन सबेरे व्रत के पारण कइला के बाद व्रत पूरा होला।
मान्यता ह कि तीज के दिने मां पार्वती के भगवान शिव के पावे खातिर कईल कठोर तपस्या के फल मिलल। एहि कारण से आजु के दिन शिव आ पार्वती दुनु लोग के पूजल जाला।
ईनपुट पुरुआ के फेसबुक पेज से
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