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महात्मा गांधी पुण्यतिथि विशेष : "हमरा गांधी जी चाहिहें"। पढ़ी पूरा लेख।

फ़ोटो - डीएनए इंडिया


महात्मा गांधी पुण्यतिथि विशेष : "हमरा गांधी जी चाहिहें"। पढ़ी पूरा लेख।

अपना मौत के 73 साल बाद भी गांधी जी डिमांड में बानी। अब अगर रउरा ई सोचत बानी कि अतना साल बाद भी उहाँ के बिचार अउरी सिद्धांत प्रासंगिक बनल बा त रउरा एकदम गलत सोचत बानी। गांधी जी के सिद्धांतन के हत्या त उँहा के हत्या के समय ही हमनी कर चुकल बानी जा फेरु उ प्रासंगिक कईसे हो सकता। रउआ सोचेंब अजीब उलझन बा भाई। जब आदमी मर चुका बा, ओकर सिद्धांत अप्रासंगिक हो चुकल बा फेरु डिमांड कईसे। 

पर साँच इहे बा। आज गांधी जी के डिमांड दु वजह से बा। एगो त इहाँ के हरियर हरियर नोटन पर जगह मिलल बा जवना के जरुरत राजा,रंक, चोर, साधू सभ के बा। अउरी एहि के चलते ई लोग गांधी जी के याद रखेला। भले ही कारण आर्थिक बा, पर एहि वजह से गांधी जी डिमांड में बानी।



गांधी जी के डिमांड में रहेके का दूसरका कारण, इहाँ के मुखौटा के रूप में काम कइल बा। आज अपना अच्छा बुरा काम के सही साबित करे ख़ातिर गांधी जी सबसे अच्छा मुखौटा के काम करत बानी। काम चाहे कुछ भी कर, अगर नाम गांधी जी का दे दियाई त स्वीकार्यता मिल गइल। अब रउआ एकरा के गांधी जी के नाम पर चल रहल दर्जन भर सरकारी योज, जवना मे की जड़ तक भ्रस्टाचार फईलल बा, से जोड़ कर देखीं चाहे फेरु उनकरा नाम पर चल रहल लाख गो ले संस्था से जोड़ कर देखीं, जवन गरीबो के नाम पर पईसा लेकर अमीर बन रह बाड़ी स, ई राउआ पर निर्भर बा।

अब तो दर्जन भर हत्या करने वाला गुंडा भी गांधी जी के नाम पर एगो दुकान खोल के सफेदपोश बन जातारे सन। इहे वजह बा कि अपना सिद्धांतन के अप्रासंगिक हो जाये के बाद भी गांधी जी आज भी डिमांड में बनल बांज।

लेकिन सभ शंका, आरोप, गालि अउरी आलोचना के बाद भी गांधी जइसन व्यक्ति युगों युगों में आवेला । काल्हु यानी 30 जनवरी के इहाँ के पुण्यतिथि रहल एह पुण्यतिथि पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सादर नमन बा।


लेखक - धनंजय तिवारी (लेखक फाइनेंसियल सेक्टर से जुड़ल बानी, सिवान बिहार के रहे वाला हई अउरी परास्नातक-अंग्रेजी साहित्य से तथा MBA finance के अलावा इहाँ के सैकड़न कहनी के प्रकाशन सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हो चुकल बा।)

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