डॉ० संजय चतुर्वेदी बढावत बाड़े सोनभद्र के मान, पूर्वांचल विश्वविद्यालय बनवलस पी जी अध्य्यन परिषद के सदस्य
दरोगा यादव देव के रिपोर्ट
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सोनभद्र । एगो उ समय रहे जब मिर्जापुर के इ दक्षिणांचल में उच्च शिक्षा प्राप्त लोगन के तलाशल जाता रहे । ढूंढाला पे इक्का दुक्का ही उच्च शिक्षा प्राप्त
लोगन के सही जगह मिल पावत रहे। समय के रथ के चक्र घूमल त आज 2021 में सोनभद्र में उच्च शिक्षा प्राप्त विद्वानन के भूमिका के लेकर देश में ही ना विदेशन में भी चर्चा होखे लागल बा। एह क्रम में शांति कुटीर तियरा में 01 अगस्त 1973 में जन्मले स्मृतिशेष डॉ. मूलशंकर शर्मा के छोट पुत्र डॉ. संजय चतुर्वेदी हिन्दी जगत के पूर्वांचल में एगो जानल पह चानल नाम बन गईल बाड़े।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर (उ.प्र.) के सहायक कुल सचिव शैक्षणिक डॉ. संजय चतुर्वेदी एसोसिएट प्रोफेसर पी. जी. कालेज गाजीपुर के दो वर्ष के खातिर पी जी सदस्य नामित कइल गईल बाड़े। ज्ञात होखे सोनभद्र जनपद के रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक अंतर्गत स्वाधीनता संग्राम सेनानी परिवार के गढ़ 'शांति कुटीर' के सम्बंध 1922 से अंग्रेजन के खिलाफ महासंग्राम से जुड़ा बाड़े । डॉ. संजय चतुर्वेदी के प्रपितामह स्मृति शेष स्वाधीनता संग्राम के महानायक महादेव चौबे
अउरी उनकर पुत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रभाशंकर शर्मा के ऐतिहासिक योगदान इतिहास के पन्ना पे दर्ज बा । पिता डॉ. मूलशंकर शर्मा हिंदी साहित्य , व्याकरण , भाषा विज्ञान अउरी पत्रकारिता के ख्यातिलब्ध विद्वान रहले। डॉ. संजय चतुर्वेदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ के भारतीय शिक्षण मंडल , नागपुर के स्थायी सदस्य अउरी एकात्म मानव दर्शन अनुसन्धान अउरी विकास प्रतिष्ठान, उत्तर प्रदेश के जिला संयोजक बाड़े, जबकि समदृष्टि क्षमता विकास अउरी अनुसंधान मंडल के जिला अध्यक्ष के दायित्व के निर्वहन कर बाड़े। लोक नृत्य -गीत - परम्परा अउरी उत्सव पे आधारित 'करमा' पुस्तक के लेखक डॉ. संजय चतुर्वेदी के इ किताब 2002 दिसम्बर में प्रकाशित भइल रहे । वनवासी गिरिवासी जीवन के प्रतिबिंब बन चुकल इ पुस्तक सोनभद्र के विविधता अउरी सांस्कृतिक चेतना पे रोशनी डाले ला।
युवा के खातिर प्रेरणास्रोत बनले डॉ. संजय चतुर्वेदी पहले प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बनले । आपन लगन मेहनत के बल पर उ अब पी जी कालेज गाजीपुर में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्य करत बाड़े। सोनभद्र के मिट्टी के खुशबू गाजीपुर जनपद के महका रहल बिया।
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