मनोज भावुक के मिलल “पाती अक्षर सम्मान”
‘विश्व भोजपुरी सम्मेलन’ आ ‘पाती रचना मंच’ के ओर से संयुक्त रूप से आयोजित 13वां अधिवेशन में भोजपुरी के प्रख्यात साहित्यकार, संपादक, कवि, फिल्म गीतकार, टीवी प्रस्तोता आ भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार मनोज भावुक के साल 2025 खातिर “पाती अक्षर सम्मान” से सम्मानित कइल गइल।
07 सितंबर 2025 के बलिया (उत्तर प्रदेश) के टाउन हॉल में भइल समारोह में एह सम्मान के प्रख्यात साहित्यकार प्रोफेसर सदानंद शाही आ पाती पत्रिका के सम्पादक डॉ. अशोक द्विवेदी एके संगे प्रदान कइलन।
मनोज भावुक के ई सम्मान भोजपुरी साहित्य आ सिनेमा में उनका खास योगदान आ पूरी दुनिया में भोजपुरी के प्रचार-प्रसार खातिर दिहल गइल। सम्मान स्वरूप उनका के प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह आ नगद पुरस्कार दिहल गइल।
एह अवसर पर साल 2025 खातिर गिरिडीह पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बलभद्र आ कवि मिथिलेश गहमरी, आ पिछला साल 2024 खातिर लंगट सिंह कॉलेज, मुजफ्फरपुर के भोजपुरी विभागाध्यक्ष डॉ. जयकांत सिंह ‘जय’ के भी “पाती अक्षर सम्मान” से नवाजल गइल।
सम्मान :
जवन बात खास बा, उ ई कि मनोज भावुक युगांडा आ लंदन में रहते-रहते भी भोजपुरी में लिखत रहलन, छटपटावत रहलन, आ आखिरकार विदेश के इंजीनियरिंग नौकरी छोड़ के अपना के पूरी तरह भोजपुरी खातिर समर्पित कर दिहलन। आज भोजपुरी साहित्य, सिनेमा, संगीत, टेलीविजन, ओटीटी, ब्लॉगिंग, संपादन, पत्रकारिता आ वैश्विक प्रचार-प्रसार में मनोज भावुक एगो स्थापित आ समर्पित नाम हउवन। ऊ भोजपुरी साहित्य के गौरवशाली परंपरा के अपना कंधा पर उठवले आ आगू बढ़ावत बाड़न।
एह मौक़ा पर कवि मनोज भावुक कहलन :
“सम्मान मतलब भरोसा। भरोसा खातिर आभार। सम्मान मतलब जिम्मेदारी – त जेतना सँपरी, जेतना औकात बा, ओतना कोशिश जरूर करब।”
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